अपना इश्क़ 1990 वाला चाहता हूँ,
टेक्स्ट, कॉल से दूर,
ख़तों पर रहना चाहता हूँ,
ये बाबू शोना छोड़के,
उसे प्रेमिका कहना चाहता हूँ,
जब मिले हम अचानक से,
तो उसकी खुशी देखना चाहता हूँ ,
जब आये सुखाने कपड़े छत पर,
तो चोरी चोरी मिलना चाहता हूँ,
जो पापा और भाई के आने से डरती हो,
ऐसी मेहबूबा चाहता हूँ,
हॉं, मैं आज भी मोहब्बत
पुराने जमाने वाली चाहता हूँ ।
~ नितिन राजपूत
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1990 Wala Pyar | 90’s Love Shayari Poem - Hindi Poems
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June 05, 2021