यकीन जब कभी खुद टूटने लगता है
साथ मेरा ही मुझसे फिर छूटने लगता हैहद से ज्यादा तकलीफ होती है तब
जब अंदर ही अंदर ज़ख्म फूटने लगता हैबहुत रोता है ये दिल चीख चीख कर
कोई अपना मेरा जब मुझे लूटने लगता हैकुछ इस तरह टूटने लगा हूँ मैं आजकल
जैसे शीशा कोई खुद ब खुद टूटने लगता है ।– Sad Shayari
Apno Se Hi Jab Yakeen Tutne Lagta H - Sad Shayari
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June 05, 2021
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