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दर्द-ए-दिल की दास्तान फिर भी वाह-वाह - Dard Shayari

यह ग़ज़लों की दुनिया भी अजीब है;
यहाँ आँसुओं का भी जाम बनाया जाता है;
कह भी देते हैं अगर दर्द-ए-दिल की दास्तान;
फिर भी वाह-वाह ही पुकारा जाता है।

– Dard Shayari

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