निकल पड़ा हूँ उस रास्ते पे
जो कभी ख़त्म नहीं होतारुक जाता उस वक़्त अगर तूने
….एक बार भी रोका होताआते हैं आज भी वो सपने
जब कभी गलती से, मैं सोताबनाता हूँ ख़यालो में चेहरा तेरा
की दिल से अक्स तेरा नहीं होताचाहता हूँ की रोकर गम भुला दू
पर कम्बक्त दिल ही नहीं होताबहुत खायी हैं इस दिल ने चोटें
की अब दिल को दर्द भी नहीं होता– Dard Shayari
अब दिल को दर्द भी नहीं होता - Dard Shayari
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June 05, 2021