RANDOM / BY LABEL (Style 2)

कर्मपथ अभी शुरू हुआ है - Hindi Poems

कर्मपथ अभी शुरू हुआ है,
मंजिले अभी दुर है।
मेरे अटल निश्चय के आगे,
नभ-पर्वत चूर है।

अनेक बार हारा तो क्या,
अनेक ठोकर खाई तो क्या,

ठोकर के आगे का पथ,
ले जाऐगा बुलंदि पर।
चल कर्मपथिक तू चलता बन
सफलता की राह पर॥

 

~ Jitendra s.ameta

 

– Hindi Poems

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.