यूँ तेरा मेरा साथ हो
बनारस का गंगा घाट हो
शाम के हसीन नज़ारे हो
चाँद भी साथ हमारे हो
प्रकृति की हवा सुहानी हो
पक्षियों की मधुर वाणी हो
तेरी मेरी अनकही कहानी हो
हाथों में निर्मल गंगा पानी हो
कुछ वादें तेरी जुबानी हो
कुछ कसमे मेरी जुबानी हो
घाटों पर रात का सन्नाटा हो
गंगा के लहरो की गूंज हो
वहाँ हम एक ज्योतिपुन्ज हो
ऐसी ही प्रेममयी हमारी कहानी हो
गंगा स्वयं साक्ष्य जिसकी निशानी हो
~ Pratiksha rai
– Hindi Poems
यूँ तेरा मेरा साथ हो - Hindi Poems
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June 05, 2021