लॉकडाउन यह लॉकडाउन नहीं जीवन रक्षक मंत्र है
जिससे बचना है हमें उसका नाम कोरोना षड्यंत्र है|जिसने इसे बनाया वह तो है अपनी मस्ती में
अब यह फैल रहा हम लोगों की बस्ती में|यह ना देखे जात पात ना ही देखे कोई धर्म
यह तो अपने चक्कर में सब को लपेटे चाहे राजा हो या रंक|फैले ना ये सब जगह इसलिए इस्तेमाल करे सैनिटाइज व मास्क
इन दोनों को देखकर ही कोरोना दूर से ही जाता भाग|ना हाथ मिलाये ना गले मिले बस कुछ दिन की तो बात
एक बार सब ठीक हो जाए फिर मिलते रहिए दिन रात|आओ हम सब मिलकर ये पहल करें
दूर दार रहकर ही चहल करें|यह लॉकडाउन नहीं जीवन रक्षक मंत्र है
जिससे बचना है हमे उसका नाम कोरोना षड्यंत्र है|
~ माही गुप्ता
– Hindi Poems
यह लॉकडाउन नहीं जीवन रक्षक मंत्र है - Hindi Poems
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June 05, 2021