नफ़रतें छोड़कर मन से, प्रेम के गीत हम गाएं।
आपसी बैर को भूलें, अपनों से भी मिल आएं।
सभी त्योहार बतलाते, सदा प्रेम से रहना।
सभी घर के बुज़ुर्गों को, कभी मन से न बिसराएं।~ जितेंद्र मिश्र ‘भरत जी’
– Hindi Sms
घर के बुजुर्ग त्यौहार और प्यार - Hindi Sms
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June 05, 2021
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