जलते बुझते दिये सा लग रहा हूँ
मैं अंदर ही अंदर भभक रहा हूँकिसी और की ज़रूरत ही क्या मुझे अब
मैं ठहरा खुदगर्ज खुद ही खुद को ठग रहा हूँये कैसी आग है जो जलती नहीं
बुझकर भी अश्क़ों के साये में सुलग रहा हूँशख्स था जो मुझमें जाने कहाँ चला गया
असल में भी अब तो नकल सा लग रहा हूँ।– Hindi Sms
मैं अंदर ही अंदर भभक रहा हूँ - Hindi Sms
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June 05, 2021
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