किसी ने न चाह कर भी कितना चाह लिया मालूम पडा, पत्थर ने चोट देकर जब चलना सिखा दिया… – मै अश्विन राम, उम्र ४४, इंजीनियर हूं इलाहाबाद मे!
– Hindi Shayari
किसी ने न चाह कर भी कितना चाह लिया मालूम पडा, पत्थर ने चोट देकर जब चलना सिखा दिया… – मै अश्विन राम, उम्र ४४, इंजीनियर हूं इलाहाबाद मे!
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