Dr. Kumar Vishwas Numaish Poem Lyrics in Hindi कल नुमाइश में फिर गीत मेरे बिके और मैं क़ीमतें ले के घर आ गया कल सलीबों पे फिर प्रीत मेरी चढ़ी मेरी आँखों पे स्वर्णिम धुआँ छा गया कल तुम्हारी सु-सुधि में भरी गन्ध फिर कल तुम्हारे लिए कुछ रचे छन्द फिर मेरी रोती सिसकती सी […]
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