तुम क़रीब हो मगर फ़िर भी तुम्हारे बदन से वो मोहब्बत की खूश्बू आती नहीं।
इन हवाओं का रूख भी बदल रहा है, लगता है तुम्हें अब सोहबत मेरी भाती नहीं।~ नीरज कुमार
– Sad Shayari
तुम्हारे बदन से वो मोहब्बत की खूश्बू आती नहीं - Sad Shayari
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June 05, 2021
तुम क़रीब हो मगर फ़िर भी तुम्हारे बदन से वो मोहब्बत की खूश्बू आती नहीं।
इन हवाओं का रूख भी बदल रहा है, लगता है तुम्हें अब सोहबत मेरी भाती नहीं।~ नीरज कुमार
– Sad Shayari