रात सुकूँ है दिल को बेकरार न कर,
बिना सोचे किसी पर ऐतबार न कर।
~ जितेंद्र मिश्र ‘भरत जी’
– Two Line Shayari
बिना सोचे किसी पर ऐतबार न कर - Two Line Shayari
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June 05, 2021
रात सुकूँ है दिल को बेकरार न कर,
बिना सोचे किसी पर ऐतबार न कर।
~ जितेंद्र मिश्र ‘भरत जी’
– Two Line Shayari