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कुछ मज़बूरी थी जो हर कदम कांटो पर चल गए - Two Line Shayari

कुछ इम्तिहानो को, कुछ जुबानो को, बंद आँखों से सह गए वो
ना कमजोरी थी, ना ही जी हुजूरी थी
बस कुछ मज़बूरी थी जो अपना हर कदम कांटो पर चल गए वो

– Two Line Shayari

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