महिला दिवस पर शायरी
8th March Happy Women’s Day Shayari
मैं हूँ अपनी ही एकमात्र पहचान
पूरी करती अब मैं अपने अरमान
नहीं देखूं अब मैं कोई सहारा
मैंने खुद अपना नसीब संवाराHappy Women’s Day
महान औरत | 8th March Mahila Diwas par Special Poem
आदमी को आदमी बनाती है औरत
हर ज़ुल्म सहती रहती हैं औरतवक़्त आने पर चंडी बन जाती है औरत
अंधे की लाठी बन जाती हैं औरतछोड़कर बाबुल का घर जाती हैं औरत
बेबसी के आंसू पी जाती हैं औरतकभी माँ बनकर ममता न्योछावर करती हैं औरत
तो कभी द्रोपती बनकर लूट जाती हैं औरतकभी झाँसी की रानी बनकर रक्षा करती हैं औरत
कभी सुधा बनकर प्रेमरस बरसाती है साजन पे औरतकभी दुर्गा बनकर शोले बरसाती हैं औरत
आज़ादी के इस युग में महान हैं औरतकौन कहता हैं, की कमजोर हैं औरत?
आज के युग में सबसे महान है औरतसभी औरतों को महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
~ रोज़ा
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Women’s Day Shayari - Festival Events
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June 05, 2021