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गांव का जीवन गांव के नज़ारे - Hindi Sms

गांव के बाजारों में भी, खूब नज़ारे होते थे।
चाट पकौड़ी और बताशों के चटकारे होते थे।
नीम और बरगद की छाया में बैठा करते थे।
खुशियों के पल आपस में वारे न्यारे होते थे।

 

~ जितेंद्र मिश्र ‘भरत जी’

 

– Hindi Sms

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